HF ANUPAM HINDI SULEKH PUSTIKA CLASS-5 ALL INDIA
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H5509A5009
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ANSP5
"सुलेख एक कला है। कोई भी व्यक्ति इसे सीख सकता है। इसके लिए सबसे आवश्यक बात अभ्यास करना है। सुलेख के लिए सबसे
अच्छा समय बचपन है। बचपन में हमारी उँगलियाँ कोमल होती हैं। इन्हें इच्छानुसार सधाया जा सकता है। सुलेख के लिए उँगलियों को
प्रशिक्षित करना बड़ा जरूरी होता है। लिखते समय हमें अपनी उँगलियों को विशेष दिशाओं में घुमाना पड़ता है। उन्हें दाएँ-बाएँ तथा ऊपर-नीचे
ले जाना पड़ता है। सुलेख लिखने के लिए निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना अति आवश्यक है-
• अक्षरों के बीच समान अंतर हो।
• अक्षरों की बनावट तथा दिशा में अंतर न आए।
• अक्षरों की बनावट को ध्यान से देखें और उन पर पेंसिल या पेन चलाएँ।
• अपनी उँगलियों को अक्षरों की बनावट के अनुसार घुमाएँ।
• बार-बार अभ्यास करें।"
अच्छा समय बचपन है। बचपन में हमारी उँगलियाँ कोमल होती हैं। इन्हें इच्छानुसार सधाया जा सकता है। सुलेख के लिए उँगलियों को
प्रशिक्षित करना बड़ा जरूरी होता है। लिखते समय हमें अपनी उँगलियों को विशेष दिशाओं में घुमाना पड़ता है। उन्हें दाएँ-बाएँ तथा ऊपर-नीचे
ले जाना पड़ता है। सुलेख लिखने के लिए निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना अति आवश्यक है-
• अक्षरों के बीच समान अंतर हो।
• अक्षरों की बनावट तथा दिशा में अंतर न आए।
• अक्षरों की बनावट को ध्यान से देखें और उन पर पेंसिल या पेन चलाएँ।
• अपनी उँगलियों को अक्षरों की बनावट के अनुसार घुमाएँ।
• बार-बार अभ्यास करें।"
Book Type | Text Book |
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Author(s) | Team of Editors |
Boards | All India |
Classes | Class V |
Series | HOLY FAITH |
Languages | Hindi |